बारिश

आज रविवार, घर पे मन नही लग रहा था तो सोचा की ऑफीस चला जाता हूँ, थोड़ा काम कर लूँगा और मान लग जाएगा, ऑफीस मे लंच करके उठा ही था कि बारिश शुरू हो गयी, बारिश को देख कर कौन खुश नही होता, मैं भी खुशी खुशी बाहर भागकर आया, पर जैसे ही बारिश देखी दिल मे एक अजीब सी घबराहट सी उठी, ओर मैं अचानक से पुरानी यादो मे खो गया, पिछले साल की बारिश की यादो मे..

याद आया पिछली बार का वो टाइम जब बरसात हुई और मे खुशी से उसमे नहाने लगा, बारिश की बूंदे एसी लग रही थी जैसे वो मुझको प्यार से छू रही हो, जैसे की उसने मुझे ओढ़ लिया हो, नहाते नहाते भी मे उसी के बारे मे सोच रहा था की जैसे ही बारिश ख़त्म होगी उसे फोन करके बतौँगा की आज पहली बरसात हुई और मैं बहुत नाहया,बारिश रुकी मैं घर पे आया और सबसे पहले उसे मैसेज करके बारिश के बारे मे बताया, वो भी जैसे मेरा ही इंतेज़ार कर रही थी, क्यूकी बारिश होते वक़्त मे उससे बात नही कर पाया था, थोड़ी बैचन हो गयी थी की इतनी देर से मैं कहा था ना कोई कॉल ना कोई मैसेज, बारिश के बारे मे बताया तो उसने कहा की उसके शहर मे भी हुई थी बरसात, जब मैने कहा की मैं भीगा भी बहुत तो उसने मुझे डाँट दिया की बीमार पड़ जाओगे क्यू करते हो एसा, बड़ा अच्छा लगता था उससे डाँट खाना, फिर जैसे तेसे उसे मनाया और हम बाकी बातो मे व्यस्त हो गये.. उसके बाद जब बरसात होती थी तो वो मुझे बरसात की आवाज़ रेकॉर्ड करके भेजा करती थी, और मैं उसे, इतना पसंद था हमे बारिश का वो मौसम..

आज फिर से बारिश हो रही है, और वो मेरे साथ नही है, मान तो नही था पर खुद के एहसास के लिए फिर से भीगा बारिश मे, पर इस बार एसा नही लग रहा था जैसे की कोई मुझे छू रहा है, इस बारिश से तेज बारिश तो मेरे अंदर हो रही थी, आँसुओ की बारिश, भीगा हुआ था उनसे मैं, उसके वापिस आने के इंतेज़ार मे, उसकी यादो मैं, सोच रहा था की क्या उसके शहर मे भी बरसात हुई होगी, क्या उसे भी मेरी याद आई होगी, सोच रहा था की वो फिर से एक मैसेज भेज दे रेकॉर्ड करके जिसमे बारिश की आवाज़ सुनाई दे, और वो बताए की आज उसने पकोडे बनाए है, और मैं उसे बतौ की आज कितना भीगा, और फिर से उसकी डाँट खाऊ, पर वो तो नही आए लेकिन उसकी इन यादो ने मुझे भीगो दिया,

बारिश की बूँदो के साथ आँखो से भी बूंदे बहने लगी, और किसी को पता भी नही चला..

 

Ashwini sharma

आदमी खिलोना है

जब भी मेले मे जाता था तो खिलोनो की कई सारी दुकाने देख कर बहुत खुश होता था, ज़िद करता था घरवालो से खिलोने लेने की, और कई बार ज़िद मे कामयाब भी रहता था, खिलोनो को ज़्यादा समझता तो नही था पर जो दिखने मे अच्छा लगता था उसे ही लेने का मान करता था, किसे पसंद नही होते खिलोने सभी को पसंद होते है,

खिलोना लेकर जब घर आता तो सीधे अपने दोस्तो के पास पहुच जाता और उन्हे खिलोना दिखा कर चिढ़हया करता था, लेकिन खिलोनो की खास बात कहे या हमारे मन की, एक ही खिलोना ज़्यादा दीनो तक खुश नही रख पाता, खिलोना तो वही रहता है पर हमारा ये मन ये बदलता रहता है, इसे हर बार कुछ नया मिलता है, मैं भी अपने खिलोने से उब गया था, अब वो खिलोना जिसे मे बड़े चाव से लेकर आया था अब मुझे अच्छा नही लग रहा था,

कुछ दिनो बाद फिर से मेला लगा, और हम फिर से पहुच गये खिलोने की दुकान पे, इस बार ओर अच्छा खिलोना दिखा, उसे लेने की ज़िद की और ले ही आए, अब घर आते ही सबसे पहले पुराने वेल खिलोने को तोड़ के स्टोर रूम मे फेक दिया, ओर नया वाला खिलोना लेकर खुश होता रहा.. वही कुछ दिनो की खुशी, और वो पहले वाला खिलोना दफ़न हो गया जिसने मुझे कुछ दिनो की खुशी दी थी, फिर कभी याद भी नही किया उसे,

मेरी ज़िंदगी भी उस खिलोने की तरह है,

इस कहानी मे वो खिलोना मैं हूँ, ओर उस खिलोने का खरीददार वो है जिसे मेने कुछ वक़्त खुश रखा, मैं अब उसे खुश नही कर पा रहा था, पर मैं तो वही था, बदला भी नही, लेकिन उसका मन बदल गया, और अब वो खरीददार फिर से मेले मे चला गया है, नये खिलोने की तलाश मे, और मैं उसके वापिस लौट आने का इंतेज़ार कर रहा हूँ की कब वो आएगा और मुझे स्टोर रूम मे दफ़न कर जाएगा..

 

Ashwini sharma

 

 

Memories manipulate

आज यादो मे खो कर ये जाना की कभी यादो मे मत खो जाना, यादे धोखा देती है..

पहले जो शख़्श मेरी बतो पे हसा करता था, खुश हुआ करता था, एक दिन उसी ने कह दिया की मुझे परेशन मत करो और चले जाओ मेरी ज़िंदगी से..

आज जब उसकी यदि मे मैं खोया तो उसकी कुछ पुरानी तस्वीरे देखी जिनमे वो की काफ़ी खुश लग रहा था, उन तस्वीरो को देख कर यही लगा की मेने तो उसे परेशन ही किया था हर वक़्त फिर ना जाने क्यू वो हस रहा है,

पुराने मेसेजस पढ़कर लगा की कितना पास थे हम एक दूसरे के, एसा लगता था जेसे की एक दूसरे के लिए ही बने हो, जिन्हे कभी अलग ना कर पाएगा कोई, और आज हुआ ये की दोनो एक दूसरे के लिए अजनबी बने बैठे है,

फिर ख्याल आया की ये यादे है, इनमे खो गये तो बाहर आना मुश्किल है,

ये यादे है, ये सिर्फ़ धोखा देती है..

 

Ashwini Sharma

Thank you part-1

वैसे तो कुछ वक्त ही वो मेरे साथ रहा पर जाते जाते बहुत कुछ सीखा कर चला गया..

उसने मुझे सिखाया की कभी किसी की परवाह मत करो, कभी किसी से प्यार मत करो, कभी किसी से दोस्ती मत करो, कभी किसी से वफ़ा की उम्मीद मत रखो, कोई साथ नही देगा, सब कुच्छ तुम्हारे साथ रहेंगे और एक दिन छोड़ कर चले जाएँगे..

जिसकी तुम सबसे ज़्यादा परवाहा करोगे एक दिन वो ही बेपरवाहा होकर तुम्हे छोड़ के चला जाएगा और उसके बाद तुम किस हालत मे रहोगे किस दर्द मे रहोगे उसे फरक भी नही पड़ेगा,

जिससे तुम जी जान से प्यार करोगे एक दिन आएगा जब वो तुमसे नफ़रत करने लगेगा, प्यार के लिए तो तुम जिंदगी भर तरसते रहोगे,

जिसको तुम अपना सबसे अच्छा दोस्त मानने लगोगे, जिसको तुम अपने बारे मे सब कुछ बताने लगोगे एक दिन वो ही दोस्ती का नाम ख़त्म कर के तुम्हे छोड़ जाएगा, फिर कभी किसी से दोस्ती करने के लायक नही रहोगे,

जिससे तुम वफ़ा की उम्मीद करोगे एक दिन वही बेवफा हो जाओगे फिर कभी किसी वफ़ा की उम्मीद नही रख पाओगे..

ये सब बाते मुझे वो सीखा गया, अब सोचता हू की काश आगे भी मुझे उसी के जेसे लोग मिले ताकि मे हुमेशा कुछ नया सीखता रहूँ..

Thank you 🙂

Ashwini Sharma